दिल्ली में दरिंदगी के बाद मौत के घाट उतार दी गई पहाड़ की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए प्रदेश सरकार प्रयास करेगी। बीते रोज सुप्रीम कोर्ट ने दुष्कर्म और हत्या के तीनों आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया। इससे पहले लोअर कोर्ट व हाईकोर्ट तीनों आरोपियों को फांसी की सजा देने का आदेश दे चुके थे।
मंगलवार को सीएम पुष्कर धामी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू से बातचीत की। साथ ही सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की पैरवी को तैनात अधिवक्ता चारू खन्ना से भी बात की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीड़ित बिटिया हमारे प्रदेश की, देश की बेटी है। उसको न्याय दिलाने को हर संभव प्रयास किया जाएगा।
यह है मामला पौड़ी के नैनीडांडा ब्लॉक का एक परिवार दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के द्वारका में रहता है। इस परिवार की बेटी परिवार की आर्थिक सहायता के लिए गुड़गांव की एक कंपनी में डाटा एंट्री आपरेटर के रूप में काम भी करती थीं। 9 फरवरी 2012 को जब वो अपने आफिस से लौट रही थी तो तीन लोगों ने उसका अपहरण कर लिया। आरोपियों ने उसके साथ गैंगरेप किया और दरिंदगी करने के बाद हरियाणा में एक खेत में फेंक दिया था। जहां उसकी मौत हो गई।