अग्निपथ योजना के विरेाध के बीच सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को राज्य के पूर्व सैनिकों के साथ संवाद किया और उनके सुझाव भी लिए। धामी ने कहा कि अग्निपथ योजना राष्ट्रहित की योजना है। पूर्व सैनिक भी युवाओं को योजना के सकारात्मक पहलुओं से वाकिफ कराए।
कैंट रोड स्थित कैंप आफिस के मुख्य सेवक सदन में पहुंचे पूर्व सैनिकों और वर्चुअल माध्यम से जुड़े प्रदेश भर के पूर्व सैनिकों से सीएम ने चर्चा की। सीएम ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि के साथ ही वीर भूमि और सैन्य भूमि भी है। अधिकांश युवाओं ने अग्निपथ योजना का स्वागत किया है। हमारा दायित्व है कि हम अपने युवाओं को अग्निपथ योजना के सही तथ्यों के बारे में अवगत करायें।
सीएम योजना के विरोध को लेकर विपक्ष पर भी निशाना साधा। कहा कि कुछ लोग अपनी पार्टी और परिवार का फायदा देख रहे हैं। केवल विरेाध के लिए विरोध होना गलत है। कभी-कभी ऐसा लगता है कि जैसे कुछ लोग अपने देश के साथ नहीं बल्कि देश के दुश्मनों के खिलाफ खड़े हों। प्रदेश के भीतर हुए कुछ प्रदर्शनों में स्थानीय युवा नहीं थे। बल्कि बाहर से लाए गए थे या फिर बरगलाए हुए लोग थे। सीएम ने वादा किया कुमाऊं मंडल में पूर्व में हुई सेना की भर्ती रैली का पहला चरण पास कर चुके युवाओं की लिखित परीक्षा और नियमित नियुक्ति के विषय पर केंद्र सरकार और रक्षा मंत्रालय से बात करेंगे।
वर्ष 2020 में बीआरओ की अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ भर्ती रैली हुई थी। उसका पहला चरण पूरा हो चुका है। अब अंतिम चयन के लिए लिखित परीक्षा होनी बाकी है। सीएम ने कहा कि चार साल की सेवा पूरी करके आने वाले अग्निवीरों के लिए कई योजनाएं हैं। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने अग्निपथ के खिलाफ आंदोलन को राजनीति से प्रेरित बताया। कहा कि अग्निवीरों के सेवा से लौटने पर रोजगार के लिए कृषि और बागवानी में भी संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।
यहां डीजीपी अशोक कुमार, मेजर जनरल शम्मी सब्बरवाल (सेनि), मेजर जनरल मोहनलाल असवाल (सेनि) ने विचार रखे।