हल्द्वानी। उपकारागार में बंद 55 कैदियों-बंदियों में एचआईवी संक्रमित पाए गए हैं। इनमें एक महिला भी शामिल है। अधिकतर संक्रमित कैदी एनडीपीएस एक्ट के तहत बंद हैं। सुशीला तिवारी समेत अन्य अस्पतालों में उनका उपचार चल रहा है। हल्द्वानी उपकारागार में 1673 कैदी-बंदी हैं। समय-समय कैदियों व बंदियों की स्वास्थ्य जांच होती है और संबंधित बीमारियों की दवा दी जाती हैं। बीते दिनों उप कारागार में लगे स्वास्थ्य जांच कैंप में 55 कैदी-बंदियों में एचआईवी की पुष्टि हुई है। इससे जेल प्रशासन में खलबली मच गई। जेल अधिकारियों के मुताबिक, जांच में सामने आए संक्रमितों में वर्ष 2019 से लेकर अब तक मौजूद कैदी-बंदी हैं। इनमें से कई संक्रमित बीते कई वर्षों से पीड़ित हैं और उनका लगातार इलाज भी चल रहा है जबकि कुछ कैदी नए हैं।
जेल प्रशासन के मुताबिक, कई पुराने संक्रमित ऐसे हैं जिनका पहले से ही निजी अस्पतालों से इलाज चल रहा है। प्रभारी जेल अधीक्षक ने बताया कि संक्रमितों को अगल बैरक में रखा गया है। उन्हें चिकित्सकीय सलाह से दवाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसके अलावा नियमित जांच आदि की भी व्यवस्था की गई है।
एनडीपीएस एक्ट के आरोपियों में संक्रमण ज्यादा
हल्द्वानी। जेल प्रशासन के मुताबिक, संक्रमित कैदियों व बंदियों की संख्या उनकी ज्यादा है जो एनडीपीएस एक्ट के तहत जेल में दाखिल कराए गए हैं। कई संक्रमित ऐसे हैं जो जेल के बाहर इंजेक्शन लगाकर नशा करते थे। एक ही सिरिंज से कई लोगों का नशा करना इस बीमारी की वजह बताई जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि संक्रमितों में एक महिला कैदी भी शामिल है। बताया कि महिला कैदी का पति भी एचआईवी संक्रमित है। हालांकि वह वर्तमान में जेल के बाहर है लेकिन महिला उप कारागार में ही सजा काट रही है।
संक्रमितों की लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है। उन्हें दवाइयां भी मुहैया कराई जा रही हैं। ये सभी संक्रमित एक ही दिन के नहीं हैं। बीते कई वर्षों से सजा काट रहे कई कैदी संक्रमित हैं जिनका लंबे समय से इलाज चल रहा है। – प्रमोद पांडे, प्रभारी जेल अधीक्षक, हल्द्वानी उप कारागार।
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