रूस-यूक्रेन के बीच चार दिनों से जारी संघर्ष के बीच दुनिया में परमाणु युद्ध के बादल मंडराने लगे हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिमी देशों से तनाव के बीच रविवार को रूसी परमाणु प्रतिरोधी बलों (स्पेशल डिटेरेंस डिफेंस यूनिट) को अलर्ट पर रहने का आदेश दिया। नाटो के सदस्य देशों द्वारा आक्रामक बयानबाजी की प्रतिक्रिया में उन्होंने यह निर्णय लिया। पुतिन के इन तेवरों से पूर्वी और पश्चिमी देशों के बीच तनाव और बढ़ने का अंदेशा है। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बुधवार को आपात बैठक बुलाई गई है।
वजह गिर्नाईं:पुतिन ने उच्चस्तरीय बैठक में रूस के रक्षा मंत्री और मिलिट्री जनरल स्टाफ के प्रमुख को आदेश दिया कि परमाणु रोधी बलों को युद्ध दायित्वों के लिए तैयार रखें। टीवी पर प्रसारित बयान में पुतिन ने कहा, पश्चिमी देश न सिर्फ आर्थिक प्रतिबंध लगा रहे हैं बल्कि नाटो के प्रमुख सदस्य देशों के उच्च अधिकारियों ने हमारे देश के संबंध में आक्रामक बयान दिए हैं।
रासायनिक हथियार इस्तेमाल करने का दावा:रूस की मीडिया का दावा है कि यूक्रेन ने रासायनिक हथियार का इस्तेमाल किया है। उसके मुताबिक कीव के बाहर रूसी सेना पर फास्फोरस वाले हथियार प्रयोग किए गए।
नाटो, अमेरिका ने की निंदा : नाटो के सेक्रेटरी जनरल जेंस स्टोलटनबर्ग ने पुतिन के बयान को गैर जिम्मेदाराना बताया। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि पुतिन हमले को सही ठहरने के लिए ऐसे खतरों का निर्माण कर रहे हैं जो अस्तित्व में नहीं हैं। हम इसके विरुद्ध खड़े होंगे। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने कहा, पुतिन का यह फैसला पूरी तरह अस्वीकार्य है।
खारकीव में घुसी रूसी सेना : इस बीच, रविवार को रूसी सेना यूक्रेन के सबसे बड़े शहर खारकीव में घुस गई। इसके लिए रूसी सेना ने मिसाइलें दागीं और भीषण गोलीबारी की। यूक्रेन की शीर्ष अभियोजक इरिना वेनेदिकतोवा ने कहा, रूसी सेना खारकीव पर कब्जा नहीं कर पाई है और वहां भीषण संघर्ष जारी है। यूक्रेन की सेना ने चेचेन स्पेशल फोर्स के शीर्ष जनरल को मार गिराया।
बंदरगाह पर कब्जे की कोशिश : रूस खारकीव में रणनीतिक बदंरगाहों पर भी कब्जे की कोशिश कर रहा है। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मेजर जनरल इगोर कोनाशेनकोव ने कहा कि सेना ने शहरों और बर्दियांस्क के बंदरगाह को अवरुद्ध कर दिया है। यूक्रेन की बंदरगाहों तक पहुंच सीमित हो गई है। अर्थव्यवस्था को इससे बड़ा झटका लग सकता है।
गोरिल्ला युद्ध की रणनीति : यूक्रेन के अन्य शहर बुखारेस्ट, सूमी, कीव, चेर्निहाइव, चेर्निवित्सी, लीव में भी संघर्ष तेज हो गया है। आम नागरिक भी रूसी सेना के खिलाफ गोरिल्ला युद्ध की रणनीति के साथमुकाबला कर रहे हैं।