भर्ती घोटाले से शर्मशार हुआ उत्तराखंड

। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के भर्ती घपले की अब तक की जांच में राज्य के नौ जिलों में नकल माफिया का जाल सामने आ चुका है। उत्तराखंड के पौड़ी, चमोली, रुद्रप्रयाग व पिथौरागढ़ जनपद को छोड़कर बाकी सभी जिलों से एक ना एक गिरफ्तारी हो चुकी है। अब तक पकड़े गए 23 आरोपियों में से नौ तो सरकारी कर्मचारी हैं।

एसटीएफ के लिए यह प्रकरण कई तरह से अनूठा साबित होने जा रहा है। अब तक इस मामले में राज्य के 13 में से नौ जिलों का नाम सामने आ चुका है। इन जिलों में से सर्वाधिक 6 आरोपी यूएसनगर से सामने आए हैं। हाकम सिंह रावत के कारण चर्चा में आए उत्तरकाशी से भी चार गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। इसके बाद नैनीताल से तीन गिरफ्तारियां हुईं जबकि, देहरादून समेत टिहरी, चंपावत, अल्मोड़ा, हरिद्वार और बागेश्वर से एक-एक आरोपी पकड़ा गया है। इसके अलावा चार गिरफ्तारियां उत्तर प्रदेश से हुई हैं। इसमें लखनऊ की प्रिंटिग प्रेस के दो, शामली व धामपुर से एक-एक गिरफ्तारी हो चुकी हैं।

शिक्षक, जेई, क्लर्क, नेता सब शामिल उत्तराखंड में गिरफ्तार नौ आरोपी सरकारी कर्मचारी हैं। इनमें दो शिक्षक हैं। दो सचिवालय में अपर निजी सचिव, तीन अलग-अलग लोअर कोर्ट में क्लर्क और एक पुलिस सिपाही और यूपी जल संस्थान का एक जेई भी शामिल है। एक दिन पूर्व पंतनगर विवि से रिटायर अफसर की भी गिरफ्तारी हो चुकी है। इसके साथ चंदन सिंह मनराल के रूप में क्रशर संचालक, हाकम सिंह के रूप में जिला पंचायत सदस्य, रिजॉर्ट स्वामी व अंकित रमोला के रूप में डंपर मालिक भी गिरफ्तार हो चुके हैं। इसके अलावा उपनल के दो व पीआरडी का एक पूर्व कर्मचारी भी धरा जा चुका है। एसटीएफ के अनुसार अभी कम से कम 12 और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। हालांकि, इस मामले में आरोपियों की संख्या सौ तक जा सकती है।

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