विधानसभा में विवादित नियुक्तियों की जांच को लेकर गठित समिति अब खुद विवादों में घिर गई है। दरअसल, जांच समिति को लीड कर रहे रिटायर्ड आईएएस डीके कोटिया को लेकर ही अब कई तरह के सवाल खड़े किए जा रहे हैं। भाकपा माले से लेकर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस इस मामले में हमलावर हैं।
बता दें कि विधानसभा नियुक्तियों में विवाद सामने आने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुरोध पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने जांच के आदेश देते हुए पूरे प्रकरण की जांच को लेकर रिटायर्ड आईएएस डीके कोटिया की अगवाई में जांच समिति बनाई हुई है। इस समिति को आगामी 3 अक्टूबर तक अपनी रिपोर्ट देनी थी, लेकिन सूत्र बताते हैं कि समिति अगले एक दो दिन में ही अपनी रिपोर्ट सौंपने की तैयारी में है।
इस बीच, अब जांच समिति के अध्यक्ष को लेकर ही सवाल खड़े किए जा रहे हैं। इतना ही नहीं विधानसभा अध्यक्ष जो कि अपने आप मे विधानसभा में संवैधानिक रूप से सबसे बड़ा पद है उनकी जांच कार्यपालिका से कराए जाने पर भी जानकर हैरत जता रहे हैं। जानकारों का कहना है कि विधायिका की जांच कार्यपालिका नहीं कर सकती। ऐसे में तमाम चीजों को लेकर जांच समिति खुद विवादों के घेरे में है।
भाकपा माले ने विस में बैकडोर भर्तियों की जांच के लिए गठित समिति को लेकर सवाल उठाए। संगठन के गढ़वाल सचिव इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि जांच समिति के अध्यक्ष रिटायर्ड आईएएस अफसर डीके कोटिया उत्तराखंड पब्लिक सर्विस ट्रिब्यूनल में उपाध्यक्ष रह चुके हैं। ऐसे में नियमानुसार उन्हें समिति में शामिल नहीं किया जा सकता है।