सरकार ने आयुष्मान योजना के तहत राजकीय मेडिकल कॉलेजों के लिए मरीजों के इलाज का लक्ष्य तय कर दिया है। साथ ही हर अस्पताल में 10 मरीजों पर एक आयुष्मान मित्र तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने मंगलवार देर शाम आयुष्मान योजना की समीक्षा की। मंत्री ने आयुष्मान के तहत मेडिकल कॉलेजों में इलाज बढ़ाने को कॉलेज के प्राचार्यों को शीघ्र रोडमैप बनाने के निर्देश दिए। साथ ही योजना में कार्मिकों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि जल्द बांटने को कहा। मंत्री ने दून मेडिकल कॉलेज को प्रतिवर्ष 25 हजार, हल्द्वानी कॉलेज को 20 हजार, श्रीनगर कॉलेज को 10 हजार और अल्मोड़ा कॉलेज को पांच हजार मरीजों के उपचार का लक्ष्य दिया। डॉ.रावत ने कहा, सरकारी अस्पतालों एवं मेडिकल कालेजों में इलाज संभव न हो तो ही मरीज को रेफर किया जाए। उन्होंने बताया कि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक आयुष्मान का लाभ पहुंचाने को राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण से संबद्ध सरकारी-निजी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों में आयुष्मान मित्र तैनात किए हैं। ये मित्र मरीजों के कागज तैयार करने, आयुष्मान कार्ड-बिल बाउचर बनाने और बिल भुगतान की प्रक्रिया पूरी करने तक सभी काम करेगा। बैठक में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के चेयरमैन डीके कोटिया, अपर सचिव स्वास्थ्य एवं राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीईओ अरुणेंद्र सिंह चौहान, प्राचार्य दून मेडिकल कालेज डॉ. आशुतोष सयाना आदि मौजूद रहे।
