शिक्षा मंत्री ने टॉपर को फोन कर दी बधाई बोले, मिठै ल्या बजार बटी

 बेटा सुशांत, मैं शिक्षा मंत्री बोल रहा हूं। तुम टॉपर हो इस साल बोर्ड परीक्षा में। बहुत बहुत बधाई। बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट जारी करने के बाद शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने तत्काल ही कुछ टॉपर छात्र-छात्राओं के साथ फोन पर सीधा बात की और बधाई दी। सबसे पहले डॉ. रावत ने हाईस्कूल टॉपर सुशांत चंद्रवंशी से बात की। उन्होंने बधाई देते हुए कहा कि सुशांत अब जिस भी क्षेत्र में जाना चाहते हो, उसमें सरकार पूरी मदद करेगी। इसके बाद बारी थी इंटर मीडिएट में 500 में से 485 के साथ दूसरे नंबर पर रही हिमानी की। शिक्षा मंत्री ने जैसे ही फोन मिलाया, दूसरी तरफ से हिमानी फोन पर मौजूद थी। पहले मंत्री को पहचान ही नहीं पाई। मंत्री ने पूछा क्या हिमानी आपको पता है आप टॉपर हो। हिमानी ने आश्चर्य से कहा, रियरी सर? मैंने तो अब तक उसने रिजल्ट देखा ही नहीं है। मंत्री ने कहा, बेटा तुम प्रदेश की टॉपर हो। अपनी मम्मी को मेरी ओर से नमस्कार कहना और बात कराओ। हिमानी की माता भी शिक्षा मंत्री को पहचान नहीं पाई। हिमानी की माता ने बताया कि हिमानी के पिता प्राइमरी स्कूल में टीचर है। कुछ देर बातचीत के बाद जब मंत्री ने हिमानी को फोन देने के लिए कहा तो उसकी माता ने कहा मंत्री जी वो रो रही है। यह सुनकर एक बार को सभी भावुक हो गए। शिक्षा मंत्री ने कहा चिंता न करिए, ये खुशी के आंसू हैं।

 

‘धनदा’ का स्वभाव बताता है कि ‘विद्या ददाति विनयं’

यूं तो सियासत की तासीर में तल्खी का भाव अधिक देखा जाता है। आए दिन सत्ता के मद में तमो गुण प्रभावी होने की खबरें अब आम सी हो गई हैं। लेकिन प्रदेश के शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत जैसे भी नेता हैं जो समाज को डाउन टू अर्थ का अर्थ अपने स्वभाव व कार्यप्रणाली से बखूबी समझाते हैं।

शास्त्रों में कहा गया है कि विद्या ददाति विनयं, अगर किसी को ज्ञान होगा तो वह विनम्र होगा, यानी उसे घमंड किसी भी सूरत में नहीं हो सकता। फिर सत्तानशीं ही क्यों न हो। धनदा की स्वभावगत विशेषताएं उनकी काबिलियत और जनहितों के प्रति दृढ़इच्छा शक्ति उनके प्रभाव में इजाफा करती है। वह अपने को मिली जिम्मेदारियों को बेहद संजीदगी के साथ निभाते हैं। वहीं आमजन से उनका जुड़ाव देखते ही बनता है। बोर्ड परीक्षाओं के नतीजे घोषित करने के बाद शिक्षा मंत्री ने प्रदेश के टॉपरों से बातचीत की। उसमें जो आत्मीयता का भाव सामने आया वह अद्वितीय है। टॉपर से लेकर परिजन तक उनके आत्मीय व्यवहार से गदगद होते जाते हैं। मिठै ल्या बजार बटी पैसा छैं छन इस लहजे में हर किसी को गदगद करने की ताकत है। और यही विनम्रता धनदा की ताकत है। इसीलिए तो कहते हैं कि धनदा जैसा कोई नहीं। आप खुद ही सुन लीजिए।