शिक्षा मंत्री सख्त, दिये जांच के निर्देश
उत्तराखंड के शिक्षा विभाग अक्सर मीडिया की सुर्खियों में बना रहता है। कई बार शिक्षा विभाग के शिक्षकों की अजीबोगरीब हरकतों के कारण तो कई बार विभागीय अफसरों की लापरवाही और गलतियों से शिक्षा महकमा चर्चाओं में रहता है। ताजा मामला शिक्षा के अफसरों की घोर लापरवाही का ही है। उत्तराखंड के रुद्रप्रया जिले के जिस शिक्षक की मौत चार साल पहले हो चुकी है, उसका विभागीय अधिकारियों ने तबादला आदेश जारी किया है। शिक्षा विभाग के अफसरों ने रुद्रप्रयाग के एक मरे हुए टीचर का भी वार्षिक स्थानांतरण 2022-23 की सूची में तबादला कर डाला। तबादला सूची जारी होने के बाद शिक्षकों के साथ ही विभागीय कार्मिक यह देखकर हैरान हैं। वहीं, प्रदेश के शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने भी इस मामले में शिक्षा महानिदेशक को एक समिति बनाकर जांच करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने मीडिया और सोशल मीडिया में छपी खबरों का संज्ञान लेते हुए यह निर्देश दिए हैं। उन्होंने ऐसी लापरवाही के लिए जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि रुद्रप्रयाग जनपद में वार्षिक स्थानांतरण-2022-23 के तहत एक मृतक शिक्षक के तबादले का प्रकरण समाने आया है। इस मामले में प्रथम दृष्ट्या विभागीय अधिकारियों की अपने कार्य एवं दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही दिख रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी को तत्काल विभागीय समिति गठित कर तीन दिन के भीतर जांच करने कराने के साथ ही लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश शिक्षा मंत्री ने दिए हैं। शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह के अनुसार अनुसार मृतक शिक्षक की मौत के चार साल बाद तबादला किया जाना जिम्मेदार अधिकारियों की भारी लापवाही को दर्शाता है। इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त किये जाने योग्य नहीं है। उन्होंने बताया कि इस सूची को जारी करने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगाी।