राज्य के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों से राष्ट्रीय कार्यक्रमों के अलावा किसी दूसरे गैरशैक्षणिक काम में ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी। माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी ने सभी सीईओ को इसके आदेश जारी कर दिए। शिक्षकों से आरटीई ऐक्ट की धारा 27 में तय जनगणना, आपदा राहत-बचाव और निर्वाचन संबंधी कामों से इतर कोई दूसरा काम नहीं लिया जाएगा। अभी हाल में शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के सामने इस मुद्दे को रखा था। उनका कहना था कि राज्य में समय समय पर शिक्षकों को शिक्षण से इतर काम न लिए जाने के आदेश दिए जाते रहे हैं। लेकिन उनका पालन नहीं हो रहा है। हाल में भी ऐसी कुछ जानकारियां सामने आई हैं। शिक्षकों के गैरशैक्षणिक कामों में व्यस्त होने की वजह से स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित होती है। शिक्षा का अधिकार ऐक्ट के अनुसार यह नियम विरूद्ध है।
शिक्षकों का मुख्य कार्य स्कूल में पढ़ाई कराना है। शिक्षकों की शिकायत है कि उनसे गैरशैक्षणिक कार्य भी लिए जा रहे हैं। यह गलत है। केवल राष्ट्रीय महत्व के कार्यों में ड्यूटी लगाई जाएगी।
-डॉ. धन सिंह रावत, शिक्षा मंत्री