5 सालों में दोगुनी हो गई देशभर में महिला पुलिस की संख्या

नई दिल्ली। बीते कुछ सालों में महिलाओं की पुलिस में भागीदारी लगातार बढ़ती जा रही है। बीते पांच सालों में देश भर में महिला पुलिस की संख्या करीब दोगुनी हो गई है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि किस तरह महिलाएं पुराने बंधनों, रूढ़ियों को तोड़कर आगे आ रही है। ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट के आंकड़े बताते हैं कि जहां 2014 में देश (सिविल$डिस्ट्रिक्ट आर्म्ड रिजर्व$स्पेशल आर्म्ड$आईआरबी) की तादाद 1,10,872 थी जो 2019 में 2,15,1504 हो गई।
बीपीआरडी के अनुसार 2018 के मुकाबले 2019 में देश भर में पुलिस में महिलाओं में पुलिस की हिस्सेदारी 16.5 फीसद बढ़ी है। आंकड़े के अनुसार पुलिस फोर्स की कुल तादाद 20,91,488 में 215,504 महिलाएं है यानी कुल पुलिस संख्या की 10.3 फीसद फीसद महिलाएं है। राज्यों में बिहार पुलिस में महिलाओं की सबसे ज्यादा 25.3 फीसदी की हिस्सेदारी है। बिहार पुलिस में नागरिक पुलिस, जिला सशस्त्र रिजर्व, विशेष सशस्त्र पुलिस और भारत रिजर्व बटालियन आते हैं। बिहार के बाद हिमाचल प्रदेश का नंबर है, जहां महिलाओं की हिस्सेदारी 19.15 फीसदी है। इसके बाद चंडीगढ़ में 18.78 फीसदी और तमिलनाडु में 18.5 फीसदी है। जम्मू और कश्मीर पुलिस में महिलाओं की सबसे कम 3.31 फीसदी की हिस्सेदारी है। इसके बाद तेलंगाना 5.11 फीसदी की हिस्सेदारी है। ध्यान रखने वाली बात यह है कि यह आंकड़ा 1 जनवरी, 2020 तक के आकलन के आधार पर है। रिपोर्ट के अनुसार एनआईए में कुल 37 महिलाएं है जो कि उसकी कुल संख्या का 4.64 प्रतिशत है। वहीं केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) में कुल संख्या में 475 महिलाएं है जो कि कुल तादाद का 7.96 प्रतिशत है। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में महिलाओं की हिस्सेदारी सिर्फ 2.9 फीसद है। 9.9 लाख वाले केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में महिलाओं की कुल संख्या 29,249 है, जिनमें से सीआईएसएफ में 8,631 महिलाएं, सीआरपीएफ में 7,860 और बीएसएफ में 5,130 हैं। ट्रैफिक पुलिस में राष्ट्रीय स्तर पर 5,979, स्पेशल ब्रांच में इंटेलीजेंस के मामलों से जुड़ी 3,632, आतंकवाद, गंभीर घटनाओं आदि से जुड़े मामलों में 516 महिलाओं की तैनाती है।

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