उत्तराखंड के पूर्व सीएम के बेटे पर मुकदमा दर्ज

उत्तराखण्ड की राजनीति एक बार फिर गर्मा गयी है। प्रदेश के पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के पुत्र साकेत बहुगुणा समेत 18 निदेशकों पर कोर्ट के आदेश पर धोखाधड़ी, जालसाजी, जान से मारने की धमकी देने, अवैध रूप से घुसपैठ करने, मारपीट करने, फर्जी दस्तावेज तैयार करने और भरोसा तोड़ने जैसे संगीन आरोपों में मुकदमा दर्ज किया है। गाजियाबाद के इंदिरापुरम पुलिस स्टेशन में यह मामला दर्ज किया है। (नीचे देखें FIR)

दो बड़े बिजनेस हाउस शिप्रा समूह व इंडिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के बीच जारी जंग थाने तक पहुंच गई है। शिप्रा ग्रुप्स ने इंडिया बुल्स पर 6 हजार करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई है। साकेत बहुगुणा इंडिया बुल्स के डायरेक्टर हैं।

इस हाईप्रोफाइल मामले में कोर्ट के आदेश होने के बाद शिप्रा समूह ने इंडिया बुल्स समेत 3 कंपनियों के 18 डायरेक्टरों पर FIR, शिप्रा ग्रुप से 6000 करोड़ की धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है।

गाजियाबाद में दर्ज मुकदमे की आंच उत्तराखण्ड पहुंचने पर सत्ता के गलियारों में हलचल मच गई। गौरतलब है कि 2012 में कांग्रेस काल में उत्तराखंड के सीएम बने विजय बहुगुणा 2016 में भाजपा में शामिल हो गए थे। उस दौर में साकेत बहुगुणा की प्रदेश में विशेष तौर पर तूती बोलती रही। साकेत ने राजनीति में भी हाथ आजमाने की कोशिश की थी। लेकिन बहुत चर्चित होने की वजह से दाल गल नहीं पाई। अलबत्ता विजय बहुगुणा के दूसरे सुपुत्र सौरभ बहुगुणा विधायकी का चुनाव जीतने के बाद धामी कैबिनेट में मंत्री हैं। और अपनी सरल कार्यशैली से अलग पहचान भी बना रहे है।

जबकि पिता विजय बहुगुणा के सीएम रहते हुए साकेत बहुगुणा सत्ता के गलियारे के केंद्र बिंदु बने हुए थे। उस समय दलालों के बोलबाले की चर्चाएं भी आम हुई थी। 2013 की केदारनाथ आपदा में कांग्रेस सरकार की असफलता व कई अन्य कारणों की वजह से कांग्रेस हाईकमान ने विजय बहुगुणा को सीएम की कुर्सी से हटाकर हरीश रावत को कमान सौंप दी थी।

2014 के लोकसभा चुनाव में साकेत बहुगुणा ने टिहरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा। लेकिन जनता ने सीधे तौर पर साकेत को नकारते हुए भाजपा प्रत्याशी को जिताया। इसके बाद साकेत बहुगुणा ने उत्तराखंड से किनारा करते हुए अपने व्यवसाय में जुट गए। 2016 में विजय बहुगुणा ने हरीश रावत सरकार को गिरा कर स्वंय भाजपा में शामिल हो गए। 2016 के बाद से विजय बहुगुणा और साकेत बहुगुणा की उत्तराखण्ड में सक्रियता भी शून्य ही रही। इस बीच, इंडिया बुल्स के 18 डायरेक्टर में शामिल साकेत बहुगुणा पर भी नामजद रिपोर्ट दर्ज हुई है। शिप्रा समूह व इंडिया बुल्स के बीच जारी 6 हजार करोड़ के घपले की जंग का नतीजा कुछ भी निकले। लेकिन पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के बेटे साकेत का नाम आने से राजनीतिक गलियारे सरगर्म हो गए है।

 

क्या है मामला

गाजियाबाद के इंदिरापुरम वैभव खंड में शिप्रा मॉल के निवासी अमित वालिया की ओर से यह मुकदमा दर्ज करवाया गया है। अमित वालिया ने गाजियाबाद के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में शिकायत दी। जिस पर सुनवाई करने के बाद सीजेएम ने सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत गाजियाबाद पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। अमित वालिया की ओर से दर्ज करवाई गई एफआईआर में बताया गया है कि उनके समूह की कंपनियां शिप्रा एस्टेट लिमिटेड, शिप्रा लीजिंग प्राइवेट लिमिटेड, शिप्रा होटल्स लिमिटेड और कदम ग्रुप मिलकर इंटीग्रेटेड टाउनशिप, मॉल, मल्टीप्लेक्स, होटल और तमाम दूसरी रियल एस्टेट एक्टिविटीज गाजियाबाद समेत पूरे दिल्ली-एनसीआर में करती हैं। इंडिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड को पता चला कि शिप्रा ग्रुप अपने चार हाउसिंग प्रोजेक्ट और कमर्शियल प्रोजेक्ट के लिए मार्केट से लोन लेना चाहता है। अमित वालिया ने बताया, “इंडिया बुल्स के डायरेक्टर मेरे पास आए। उन्होंने वादा किया कि हम आपको 1939 करोड़ रुपये देंगे। यह पैसा मार्केट से कम ब्याज दरों पर देंगे। हमारी कंपनी के साथ मिलकर काम करेंगे। बाकी प्रोजेक्ट पूरे करने में सहायता करेंगे। इंडिया बुल्स की ओर से शर्त रखी गई कि इसके लिए शिप्रा ग्रुप को अपनी संपत्तियां बंधक रखनी होंगी।”

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